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आपदा प्रबंधन

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (डीएम अधिनियम 2005) राष्ट्रीय, राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए संस्थागत और समन्वय तंत्र प्रदान करता है। अनिवार्य रूप से, भारत सरकार ने एक बहु-स्तरीय संस्थागत प्रणाली तैयार की, जिसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और स्थानीय निकायों की सह-अध्यक्षता की जाती है।

आपदा, प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों का परिणाम है, यह समाज के कामकाज में गंभीर व्यवधान पैदा करता है, जिससे मानवीय, भौतिकीय या पर्यावरणीय व्यापक हानि होती है। जिसका सामना करने के लिए उपलब्ध सामाजिक और आर्थिक कार्यविधिया अपर्याप्त होती हैं, अथार्थ्य आशंकित विपत्ति का वास्तव मे धटित होना एक आपदा है। कोरिया जिला बाढ़, सूखे, बिजली और महामारी के खतरों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
स.क्र. सरकारी रैंक प्राधिकारी मे पद
1 जिला कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष
2 पुलिस अधीक्षक सदस्य
3 मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), जिला पंचायत सदस्य
3 अतिरिक्त कलेक्टर सदस्य सदस्य
4 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सदस्य
5 अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी विभाग सदस्य
6 अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग सदस्य
7 जिला कमांडेंट, होमगार्ड सदस्य